"अबकी बार दादा जी की आँखें भी नम थीं और बेटा साइलेंट मोड पर जा चुका था। "अबकी बार दादा जी की आँखें भी नम थीं और बेटा साइलेंट मोड पर जा चुका था।
घर आते आते मैं भी बच्चो की तरह गढ़ो में भरे पानी में उछल रही थी। मेरा बचपन वापस आ गया घर आते आते मैं भी बच्चो की तरह गढ़ो में भरे पानी में उछल रही थी। मेरा बचपन वापस ...
मेरी माँ ने हमेशा ईमानदारी, सच बोलना, कर्तव्यनिष्ठ रहने का पाठ पढ़ाया मेरी माँ ने हमेशा ईमानदारी, सच बोलना, कर्तव्यनिष्ठ रहने का पाठ पढ़ाया
"इश्क़ तबतक क़ामिल नहीं होता, जबतक एहसास शामिल नहीं होता"। "इश्क़ तबतक क़ामिल नहीं होता, जबतक एहसास शामिल नहीं होता"।
हमेशा सत्य के मार्ग पर चलकर अपनी कार्यवाही करे, क्यूंकि सत्य हमेशा विजय होता है। हमेशा सत्य के मार्ग पर चलकर अपनी कार्यवाही करे, क्यूंकि सत्य हमेशा विजय होता है।